डा भीमराव अम्बेडकर शास्त्र और मिथकों के बल को निर्बल करना
4.
बलहीन होना वा करना, निर्बल करना या होना, २. स्वाद रहित होना, बे मजा होना
5.
हमने तो यही सुना है कि उसे जिसे पाना हो, उसे इन्द्रियों को निर्बल करना है।
6.
डॉ० अम्बेडकर शास्त्र और मिथकों के उस बल को निर्बल करना चाहते थे, जो छोटे-बड़े की धारणा को पारम्परिक शक्ति देते हैं।
7.
यहां गांधी जी के सद्भाव में कोई कमी नहीं है, वह समभाव जाग्रत कर समस्या का समाधान चाहते हैं, लेकिन डा भीमराव अम्बेडकर शास्त्र और मिथकों के बल को निर्बल करना चाहते हैं, जो छोटे-बड़े की भावना को पारंपरिक शक्ति देता है।